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महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था। उन्होंने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें। महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी- ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान- बाहरी वेबसाइट शुरू किया और इसके सफल कार्यान्वयन हेतु भारत के सभी नागरिकों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की।
इस अभियान का उद्देश्य अगले पांच वर्ष में स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है ताकि बापू की 150वीं जयंती को इस लक्ष्य की प्राप्ति के रूप में मनाया जा सके। स्वच्छ भारत अभियान, सफाई करने की दिशा में प्रतिवर्ष 100 घंटे के श्रमदान के लिए लोगों को प्रेरित करता है। माननीय प्रधानमंत्री द्वारा मृदला सिन्हा, सचिन तेंदुलकर, बाबा रामदेव, शशि थरूर, अनिल अम्बानी, कमल हसन, सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा और तारक मेहता का उल्टा चश्मा की टीम जैसी नौ नामचीन हस्तियों को आमंत्रित किया गया कि वह भी स्वच्छ भारत अभियान में अपना सहयोग प्रदान करें, इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करें और अन्य नौ लोगों को भी अपने साथ जोड़ें, ताकि यह एक श्रृंखला बन जाएं। आम जनता को भी सोशल मीडिया पर हैश टैग #MyCleanIndia लिखकर अपने सहयोग को साझा करने के लिए कहा गया।.
अभियान के एक भाग के रुप में प्रत्येक पारिवारिक इकाई के अंतर्गत व्यक्तिगत घरेलू शौचालय की इकाई लागत को 10,000 से बढ़ा कर 12,000 रुपये कर दिया गया है और इसमें हाथ धोने,शौचालय की सफाई एवं भंडारण को भी शामिल किया गया है। इस तरह के शौचालय के लिए सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता 9,000 रुपये और इसमें राज्य सरकार का योगदान 3000 रुपये होगा। जम्मू एवं कश्मीर एवं उत्तरपूर्व राज्यों एवं विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को मिलने वाली सहायता 10800 होगी जिसमें राज्य का योगदान 1200 रुपये होगा। अन्य स्रोतों से अतिरिक्त योगदान करने की स्वीकार्यता होगी।
स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान[संपादित करें]
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान केन्द्रीय 25 सितंबर, 2014 से 31 अक्टूबर 2014 के बीच केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालय संगठन में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान की जाने वाली गतिविधियों में शामिल हैं-
इसके अलावा, फिल्म शो, स्वच्छता पर निबंध / पेंटिंग और अन्य प्रतियोगिताएं, नाटकों आदि के आयोजन द्वारा स्वच्छता एवं अच्छे स्वास्थ्य का संदेश प्रसारित करना। मंत्रालय ने इसके अलावा स्कूल के छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को शामिल करते हुए सप्ताह में दो बार आधे घंटे सफाई अभियान शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा है।
For more detail Click hereडिजिटल इंडिया कार्यक्रम भारत को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित एक प्रमुख कार्यक्रम है।
governance
भारत में ई-शासन पहल ने नागरिक केंद्रित सेवाओं पर जोर देने के साथ ही व्यापक क्षेत्रीय अनुप्रयोगों के लिए 90 दशक के मध्य में एक व्यापक आयाम ले लिया था। बाद में, कई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में विभिन्न ई-शासन परियोजनाओं को शुरू किया गया। ये ई-शासन परियोजनाएं जो नागरिक केन्द्रित हैं, वांछित प्रभाव की तुलना में कही अधिक प्रभाव डाल सकती है। भारत सरकार ने 2006 में राष्ट्रीय ई-शासन योजना (एनईजीपी) का शुभारंभ किया। इसके तहत 31 मिशन मोड परियोजनाओं द्वारा विभिन्न डोमेन को कवर किया गया। देश भर में कई ई-शासन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के बावजूद, ई-शासन वांछित प्रभाव बनाने और अपने सभी उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं हुआ है।
इलेक्ट्रॉनिक सेवाओं, उत्पादों, उपकरणों और रोजगार के अवसरों पर और अधिक जोर देकर देश में ई-शासन सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने की आवश्यक महसूस की गई है। इसके अलावा, देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को भी मजबूत करने की जरूरत है।
सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से सार्वजनिक सेवाओं के पूरे परितंत्र तंत्र को बदलने के लिए और भारत को डिजिटल सशक्त समाज और सूचना अर्थव्यवस्था में बदलने के विजन के साथ भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरूआत की है।
वित्त वर्ष 2015-16 के अपने बजट भाषण में केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने 20,000 करोड़ रुपये की राशि तथा 3,000 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी राशि के साथ एक सूक्ष्म इकाई विकास पुनर्वित्त एजेंसी (मुद्रा) बैंक के सृजन का प्रस्ताव रखा था। मुद्रा का गठन एक कानून बनाने के जरिये किया जाना है।
मुद्रा का पूरा नाम है माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट फंड रिफाइनेंस एजेंसी। इस बैंक के जरिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाएंगे। मुद्रा बैंक की स्थापना वैधानिक संस्था के तौर पर हुई है। शुरुआती दौर में मुद्रा बैंक सिडपी की यूनिट के तौर पर काम करेगी।
For more detail Click hereप्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार की एक बहुत ही महत्त्वाकांक्षी योजना है। प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना को भारत सरकार 23 मार्च को हुई कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दे चुकी है। यह योजना भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में “2022 तक सभी को आवास” के मिशन को पूरा करेगी।
प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर भारत के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की जायेगी।
एक ऐसी योजना हैं जिसके तहत नये छोटे बड़े उद्योगों को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जायेगा जिसमे लोन सुविधा शामिल है।
For more detail Click hereप्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन है जो वहनीय तरीके से वित्तीय सेवाओं नामतः, बैंकिंग/बचत तथा जमा खाते, विप्रेषण, ऋण, बीमा, पेंशन तक पहुंच सुनिश्चित करता हो।
खाता किसी भी बैंक शाखा अथवा व्यवसाय प्रतिनिधि (बैंक मित्र) आउटलेट में खोला जा सकता है। पीएमजेडीवाई खातों जीरो बैलेंस के साथ खोला जा रहा है। हालांकि, खाता धारक अगर किताब की जांच करना चाहती है, वह / वह न्यूनतम बैलेंस मानदंडों को पूरा करना होगा।
http://www.pmjdy.gov.in/hi-scheme
For more detail Click hereप्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित एक जीवन बीमा योजना है। इसका आरम्भ कोलकाता में ९ मई २०१५ को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
For more detail Click hereप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यरक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने नई योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) को मंजूरी दे दी है। इसमें पांच सालों (2015-16 से 2019-20) के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 5300 करोड़ का आवंटित किए गए हैं।
पीएमकेएसवाई का मुख्य उद्देश्य हैं - सिंचाई में निवेश में एकरूपता लाना, 'हर खेत हो पानी' के तहत कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करने के लिए, खेतों में ही जल को इस्तेमाल करने की दक्षता को बढ़ाना ताकि पानी के अपव्यय को कम किया जा सके, सही सिंचाई और पानी को बचाने की तकनीक को अपनाना (हर बूंद अधिक फसल) आदि। इसके अलावा इसके जरिए सिंचाई में निवेश को आकर्षित करने का भी प्रयास किया जाएगा।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का वार्षिेक प्रीमियम मात्र 12 रूपए है। इस योजना का प्रीमियम ही इस योजना की खासियत बयां कर रहा है। इस बीमा योजना के अंतर्गत 12 रूपए वार्षिक प्रीमियम पर दुर्घटना बीमा किया जाएगा। यह योजना 18 – 70 साल के लोगों के लिए है। यदि इस योजना के अंतर्गत बीमित व्यक्ति की दुर्घटना में मौत हो जाती है, या फिर हादसे में दोनों आंखें या दोनो हाथ या दोनों पैर खराब हो जाते हैं, तो उसे 2 लाख रूपए मिलेंगें। इस योजना के संचालन का तरीका ठीक प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसा ही है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना ,इसकी घोषणा वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 28 फरवरी 2015 को अपने वार्षिक बजट 2015-16 में की । भारत की बहुत बड़ी जन संख्या ऐसी हैं जिनके पास किसी भी तरह का जीवन बीमा नहीं हैं इस हेतु प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा शुरू की जाएगी ।प्रधानमंत्री जन धन योजना मे मिली सफलता को मद्दे नजर रखते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पुरे उत्साह के साथ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना को सामने रखा हैं ।भविष्य में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा को प्रधानमंत्री जन धन योजना से जोड़ दिया जायेगा ।इसलिए इस योजना के बारे में अच्छी तरह सोचें समझे और फिर इसे लेने की कोशिश करें।
For more detail Click hereप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बीपीएल परिवारों की महिलाओं को निशुल्क एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने वाली प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को अपनी अनुमति दे दी है। योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों को 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए आठ हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है और प्रत्येक बीपीएल परिवार को एलपीजी कनेक्शन के लिए 1600 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योग्य बीपीएल परिवारों की पहचान राज्य और संघ शासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श द्वारा की जाएगी। योजना का कार्यान्वयन वित्तीय वर्ष 2016-17,2017-18 और 2018-19 में किया जाएगा।
For more detail Click hereराज्य को नशा मुक्त करने के लिए सरकार "नया सवेरा" नाम से एक नई योजना
राज्य को नशा मुक्त करने के लिए सरकार \"नया सवेरा\" नाम से एक नई योजना लेकर आई है। भारत सरकार की वर्तमान एनडीपीएस की घोषित नीति के अनुसार आगामी मार्च-2015 के बाद डोडा-पोस्त की बिक्री पूर्णतया बंद हो जाएगी।
साथ ही परमिट आधारित मांग पर डोडा-पोस्त सेवन-बिक्री की अनुमति नहीं रहेगी। डॉ. भवानीसिंह राठौड़, जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने नई नीति के अनुसार नशा मुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग कोे \"नया सवेरा\" योजना के लिए दो करोड़ रूपए की वित्तीय मंजूरी दी है।
इसके तहत नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग, पुलिस, आबकारी विभाग एवं स्वय ंसेवी संस्थाओं के संयुक्त तžवावधान में लगाए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की कार्य योजना के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में राज्य में 212 नशा मुक्ति शिविर लगाए जाएंगे।
राज्य में परमिटधारी नशेडियों (डोडा-पोस्ती) का आंकड़ा तो है लेकिन गैर परमिटधारियों का कोई आंकड़ा नहीं है। प्रत्येक जिले में गैर परमिटधारियों की संख्या काफी अधिक है। हालात ये हो गए थे कि नशेडियों को पोस्त की आपूर्ति करना मुश्किल हो गया था।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत सुकन्या समृद्धि योजना को लांच किया। यह योजना बेटियों की पढ़ाई और उनकी शादी पर आने वाले खर्च को आसानी से पूरा करने के उद्देश्य से लांच की गई है।
सुकन्या समृद्धि योजना इसलिए महत्वपूर्ण है कि इसमें सरकार ने बेहतरीन ब्याज दर की घोषणा की है।
एक ऐसी योजना है जिसमें एक आम आदमी अपने धन को स्वयं जमा करके अपनी पेंशन खुद निर्धारित कर सकता है, इसकी पूरी जानकारी के लिए पढ़िए निम्न फाइल।
आवेदन फॉर्म -
आवेदन फॉर्म को http://www-jansuraksha-gov-in/FORMS&APY-asp से डाउनलोड किया जा सकता है। फॉर्म्स अलग-अलग भाषाओं में जैसे- अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, बांग्ला, कन्नड़, उड़ीया, मराठी, तेलुगू और तमिल भाषा में उपलब्ध है।
मिशन इन्द्रधनुष का शुभारंभ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा २५ दिसंबर २०१४ को किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य जन्म से लेकर दो साल तक के बच्चों सहित गर्भवती महिलाओं को सात प्रकार की बीमारियों से रोकथाम के टीके लगाना हैं। यह सुनिश्चित करना हैं।
“मिशन इन्द्रधनुष” का उद्देश्य इन्द्रधनुष के सात रंगों वाले हमारे जीवन में किसी भी तरह की टीका निवारणीय बीमारियों के खिलाफ़ सभी बच्चों का टीकाकरण करना हैं।
१. डिप्थीरिया।
२. काली खांसी (काली खांसी)।
३. टेटनस।
४. क्षय रोग।
५. पोलियो।
६. हेपेटाइटिस बी।
७. खसरा।
इसके अलावा, इस अभियान के अंतर्गत चयनित राज्यों में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) के लिए भी टीके प्रदान किये जाएगें।
For more detail Click here11 अक्टूबर 2014 को प्रारंभ की गई सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) का उद्देश्य गांवों और वहाँ के लोगों में उन मूल्यों को स्थापित करना है जिससे वे स्वयं के जीवन में सुधार कर दूसरों के लिए एक आदर्श गांव बने। जिससे लोग उनका अनुकरण उन बदलावों को स्वयं पर भी लागू करें। यह योजना संसद के दोनों सदनों के सांसदों को प्रोत्साहित करती है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के कम से कम एक गांव की पहचान करें और 2016 तक एक आदर्श गांव उसका विकास करें। और 2019 दो और गांवों को शामिल करते हुए देश भर में फैले 6 लाख गांवों में से 2,500 से अधिक गांवों को इस योजना का हिस्सा बनाएं।
For more detail Click hereकेन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्कूलों के ग्यारहवीं व बारहवीं की छात्राओं के लिए उड़ान योजना शुरू की गयी । इस योजना का मकसद बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए जागृत करना एवं उनको शिक्षा के लिए उच्च अवसर प्रधान करना । बालिकाओं के उच्च स्तर की शिक्षा पाने एवं उनके सपनो को सकर करने के लिए सीबीएसई ने यह योजना प्रारम्भ की ।
इसके तहत इंजीनियरिंग कॉलेज व स्कूलों की परीक्षाओं के बीच की खाई को बांटा जाएगा व साथ ही साइंस व मैथमेटिकस के पठन-पाठन को और सशक्त बनाया जाएगा।
इंजीनियरिंग कॉलेजो की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए बोर्ड ऑनलाइन संसाधन उपलब्ध कराएगी ।
इस योजना का मकसद देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्राओं के घटते अनुपात को कम करना है ।
बोर्ड की इस योजना के तहत प्रतिवर्ष एक हजार छात्राओं की मदद की जाएगी।
योजना के तहत 50 फीसद सीटें एससी-एसटी व बैकर्वड कैटेगरी की छात्राओं के लिए होगी ।
छात्राओं का चयन मेरिट के आधार पर होगा व छात्राओं को ऑनलाइन व ऑफलाइन फॉर्मेट का व्यापक कोर्स निशुल्क प्रदान किया जाएगा ।
आईआईटी, जेईई परीक्षा की तैयारियों के लिए टय़ूटोरियल, लेक्चर्स व स्टडी मटेरियल ऑनलाइन उपलब्ध होगी छात्राओं को टैबलेट भी दिया जाएगा, जिसमें यह मटेरियल होगा।
छात्राओं का मूल्यांकन भी होगा, जिसके आधार पर उन्हें प्वाइंट्स मिलेंगे अर्जित किये प्वाइंट्स के आधार पर छात्राओं को आईआईटी यार एनआईटी की फीस में छूट भी मिल सकेगी ।
इस योजना के तहत ग्यारहवीं व बारहवीं के पीसीएम स्ट्रीम की छात्राएं ही आवेदन कर सकते हैं व आवेदन करने वाली छात्राओं का दसवीं में कम से कम 70 पर्सेंट व ग्यारहवीं में पीसीएम में 75 फीसद अंक होना अनिवार्य है।
विद्यार्थी के पास 8 सीजीपीए व साइंस व मैथ्स में 9 सीजीपीए होना जरूरी है ।बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए ग्यारहवीं के पीसीएम में 75 फीसद होना जरुरी है ।
इसके लिए एक दायरा रखा गया है इसके लिए आवेदन करने वाली बालिका के परिवार की वार्षिक आय ६ 6 लाख रूपये से कम की होनी चाहिए ।
मै इस अनूठी पहल के लिए मेरी एवं मेरे प्रदेशवासियों की तरफ से केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) व हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ ।
क्या है किसान विकास पत्र स्कीम: जानिए केवीपी के फायदे व निवेश के तरीके ः
केवीपी (KVP) से मिलेगा ढाई साल में बाहर निकलने का विकल्प: देश की लोकप्रिय स्कीम किसान विकास पत्र के जरिए आप डाक घर के माध्यम से दीर्घकालिक निवेश कर सकते हैं। हालांकि, किसान विकास पत्र के तहत जमा किए गए आपके जमाधन पर जितना ब्याज लगता है उस ब्याज पर सरकार टैक्स वसूल करती है। किसान विकास पत्र के तहत आप अपनी जमा राशि को किसी करीबी के अकाउंट में भी ट्रांसफर कर सकते हैं।
क्यों शुरू की गई थी योजना (Why Kisan Vikas Patra Launched): यह स्कीम छोटी बचत यानी कम आय वाले परिवारों की बचत को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। पहले केवीपी 100, 500, 1000, 10000 और 50000 रुपये के मूल्य में जारी किए जाते थे। इसमें न्यूनतम निवेश 100 रुपये थी। निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
केंद्र सरकार ने निवेश के लिए लोकप्रिय रही योजना किसान विकास पत्र को फिर लांच कर दिया है। इसमें आसानी से निवेश हो सकेगा और कम आय वाले परिवारों को निवेश अच्छा मौका मिलेगा। इसमें आपका धन सौ महीने में दोगुना हो जाएगा। इसे नए रूप में लांच किया गया है, जिससे आप ढाई साल में रुपये वापस ले सकेंगे। नए रूप में केवीपी लांच हुआ
पिछले दशकों में देश में लोकप्रिय रहा डाकघरों में में निवेश करने का विकल्प किसान विकास पत्र (केवीपी) एक बार फिर लांच हो गया है। इसमें कम से कम एक हजार रुपये के निवेश पर पैसा आठ साल 4 महीने में दोगुना होगा। लेकिन, इस बार सरकार ने बड़ी राहत यह दी हैकि इसमें ढाई साल बाद पैसे वापस पाने का विकल्प भी दिया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई में पेश बजट में इसे फिर से शुरू करने की घोषणा की थी।
क्या होता है केवीपी (What is Government of India KVP Scheme): किसान विकास पत्र केंद्र सरकार की एक योजना है। यह निवेश का दीर्घकालिक जरिया है। इसका लाभ डाकघर से लिया जा सकता है। इसमें न्यूनतम निवेश 1000 रुपये तक किया जा सकता है। केवीपी की मैच्योरिटी 8 साल और 4 महीने की है। परिपक्वता और ब्याज की दर को इस तरह समायोजित किया गया है कि केवीपी में निवेश मैच्योरिटी पर दोगुना हो जाता है। इस प्रकार, केवीपी में 1000 रुपये का निवेश 8 साल और 4 महीनों में 2000 रुपये हो जाता है। केवीपी में निवेश आय कर अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 80सी के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र नहीं है।
ये हैं फायदे (Benefits of KVP Scheme): ढाई साल बाद करा सकते हैं कैश : इस बार निवेशकों को 1000, 5000, 10000 और 50000 रुपये के किसान विकास पत्र उपलब्ध होंगे। किसान विकास पत्र में निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी। इस बार लॉन्च किसान विकास पत्र की खासियत यह होगी कि अगर निवेशक चाहे तो इसे दो साल और छह महीने के लॉक इन पीरियड के बाद भुना सकेगा। यही नहीं, इसके बाद इसे हर छह महीने की अवधि के बाद पूर्व निश्चित मैच्योरिटी वैल्यू पर भुनाया जा सकेगा।
अनगिनत बार ट्रांसफर की सुविधा: इसके सर्टिफिकेट सिंगल या ज्वाइंट नामों से जारी किए जाएंगे। ये सर्टिफिकेट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को अनगिनत बार ट्रांसफर किए जा सकेंगे। इसके अलावा, एक पोस्ट ऑफिस से देश में कहीं भी ट्रांसफर करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके साथ नॉमिनेशन का विकल्प भी होगा। किसान विकास पत्र को गिरवी रख कर बैंकों से कर्ज भी लिया जा सकेगा। किसान विकास पत्र की खरीद पर केवाईसी नियम भी लागू होंगे।
निवेश में आसानी: केवीपी का एक फायदा यह भी है कि इसमें आसानी से निवेश किया जा सकता है। आप चाहें तो नकदी दे कर पोस्ट ऑफिसों से इसे खरीद सकते हैं। न इसके लिए बैंक खाते की जरूरत होगी और न ही चेक बुक की। एक फाइनेंशियल प्लानर के अनुसार, ऐसे लोग इनके प्रति आकर्षित हो सकते हैं, जो निवेश में झंझट नहीं चाहते।
कटता है टीडीएस (What are the TDS Rate for KVP): सरकार 2 साल बाद दोबारा शुरू हो रहे किसान विकास पत्र (केवीपी) के लिए केवाईसी गाइडलाइंस के पालन पर जोर नहीं देगी, हालांकि इस डाकघर बचत योजना में तय सीमा से ज्यादा इंटरेस्ट पेमेंट पर टीडीएस जरूर कटेगा। छोटी डिपॉजिट वालों पर यह टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन 10,000 रुपये से ज्यादा ब्याज पाने वालों से टीडीएस लिया जाएगा। वहीं, केवीपी से हासिल होने वाली रकम कैश में नहीं दी जाएगी, बल्कि उसको पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट में डाला जाएगा।
टैक्स लाभ नहीं (What are the Tax Benefits from KVP Investment): किसान विकास पत्र को टैक्स सेविंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था। इसमें निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स से छूट नहीं मिलती थी। इसके अलावा इससे हासिल ब्याज पर भी टैक्स लगता था। इससे हासिल ब्याज को टैक्सपेयर की कुल टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाता For more detail
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